5 Essential Elements For Shodashi
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ज्येष्ठाङ्गबाहुहृत्कण्ठकटिपादनिवासिनीम् ॥७॥
श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥९॥
ध्यानाद्यैरष्टभिश्च प्रशमितकलुषा योगिनः पर्णभक्षाः ।
कन्दर्पे शान्तदर्पे त्रिनयननयनज्योतिषा देववृन्दैः
श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥१२॥
It is actually an practical experience of your universe within the unity of consciousness. Even within our common condition of consciousness, Tripurasundari could be the beauty that we see on this planet all over us. Regardless of what we perceive externally as stunning resonates deep within.
सर्वसम्पत्करीं वन्दे देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥३॥
ब्रह्माण्डादिकटाहान्तं जगदद्यापि दृश्यते ॥६॥
They had been also blessings to gain materialistic blessings from various Gods and Goddesses. For his consort Goddess, he enlightened human beings Together with the Shreechakra and so as to activate it, a person should chant the Shodashakshari Mantra, and that is generally known as the Shodashi mantra. It is claimed for being equal to many of the sixty four Chakras put jointly, in conjunction with their Mantras.
श्वेतपद्मासनारूढां शुद्धस्फटिकसन्निभाम् ।
ऐसी कौन सी क्रिया है, जो सभी सिद्धियों को देने वाली है? ऐसी कौन सी क्रिया है, जो परम श्रेष्ठ है? ऐसा कौन सा योग जो स्वर्ग और मोक्ष को देने वाला? ऐसा कौन सा उपाय है जिसके द्वारा साधारण मानव बिना तीर्थ, दान, यज्ञ और ध्यान के पूर्ण सिद्धि प्राप्त कर सकता है?
ह्रीं ह्रीं ह्रीमित्यजस्रं हृदयसरसिजे भावयेऽहं भवानीम् ॥११॥
तिथि — किसी भी मास की अष्टमी, पूर्णिमा और नवमी का दिवस भी इसके लिए श्रेष्ठ कहा गया है जो व्यक्ति इन दिनों में भी इस साधना को सम्पन्न नहीं कर सके, वह व्यक्ति किसी भी शुक्रवार को यह साधना सम्पन्न कर get more info सकते है।
प्रासाद उत्सर्ग विधि – प्राण प्रतिष्ठा विधि